स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी योद्धा बाबू कुंवर सिंह विजयोत्सव पर आगामी शनिवार ( २३ अप्रैल को ) जगदीशपुर ( भोजपुर बिहार ) में एक लाख तिरंगा लहराएगा। इसके लिए २० एकड़ भूखंड को उत्सव स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस उत्सव में तीन लाख लोगों के भाग लेने की आशा है। उस दौरान भारत के गृह मंत्री अमित शाह श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। यह कार्यक्रम ७५ वे अमृत महोत्सव के शुभ अवसर में मनाया जा रहा है।सारी तैयारियों की कमान गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय खुद संभाल रहे हैं। समारोह स्थल पर भव्य पंडाल का निर्माण किया जा रहा है जो पूरी तरफ वाटरप्रूफ होगा।
स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी योद्धा बाबू वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव समारोह के लिए ‘बाबू वीर कुंवर सिंह किला और संग्रहालय ‘ के रंग रोगन का काम अंतिम चरण में है। समारोह में करीब तीन लाख लोगों के आने की संभावना है। इसे देखते हुए जगदीशपुर के दुलौर समीप विजयोत्सव का मुख्य कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। समारोह के लिए प्रशासन की ओर से करीब 20 एकड़ जमीन अधिग्रहण किया गया।
वीर कुंवर सिंह मालवा के सुप्रसिद्ध शासक महाराजा भोज के वंशज थे। कुँवर सिंह के पास बड़ी जागीर थी। किन्तु उनकी जागीर ईस्ट इंडिया कम्पनी की गलत नीतियों के कारण छीन गई थी। इन्हें भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के महानायक के रूप में भी जाना जाता है जो 80 वर्ष की उम्र में भी लड़ने तथा विजय हासिल करने का साहस रखते थे। अन्याय विरोधी व स्वतंत्रता प्रेमी कुंवर सिंह कुशल सेना नायक थे। इन्हें बाबू कुंवर सिंह के नाम से भी जाना जाता है।
२३ अप्रैल १९६६ को भारत सरकार ने उनके नाम का मैमोरियल स्टैम्प भी जारी किया। कुंवर सिंह न केवल १८५७ के महासंग्राम के सबसे महान योद्धा थे, बल्कि ब्रिटिश इतिहासकार होम्स ने उनके बारे में लिखा है, उस बूढ़े राजपूत ने ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध अद्भुत वीरता और आन-बान के साथ लड़ाई लड़ी। वह जवान होते तो शायद अंग्रेजों को १८५७ में ही भारत छोड़ना पड़ता। इन्होंने २३ अप्रैल १८५८ में जगदीशपुर के पास अंतिम लड़ाई लड़ी थी।