भारत में पहली बार इंसानों को लेकर उड़ने वाला ड्रोन तैयार,
अब समुद्र में देगा ‘अग्निपरीक्षा’
भारत ने पहली बार इंसानों को लेकर उड़ने वाला ड्रोन तैयार कर लिया है। स्वदेश निर्मित पायलट-रहित ड्रोन को भारतीय नौसेना को लिए बनाया गया है। पूरी तरह परीक्षण के बाद युद्ध में पहली बार भारतीय नौसेना युद्धपोतों पर इस्तेमाल करेगी। इसके बाद यह इंसानों को ले जाने के लिए इस्तेमाल होगा। हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित ‘स्वावलंबन’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने इसका प्रदर्शन किया गया।
प्रदर्शन के दौरान पायलट-रहित ड्रोन ने जमीन से लगभग दो मीटर ऊपर उड़ान भरी और फिर वापस उतरने से पहले आगे बढ़ गया। स्वदेशी ड्रोन ‘वरुण’ को स्टार्टअप ‘सागर डिफेंस’ ने बनाया है। वहीं, दूसरी तरफ इंसान को सिर्फ इसमें बैठना होगा और इसके अलावा उसे कुछ नहीं करना है। यह ड्रोन उसे खुद ही एक जगह से दूसरी जगह ले जाएगा। इसे रिमोट की सहायता से संचालित किया जाएगा।
सागर डिफेंस इंजीनियरिंग के संस्थापक और सीईओ निकुंज पाराशर ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘वरुण’ का इस्तेमाल शुरुआत में नौसेना में सामानों की ढुलाई में किया जाएगा। इसमें चार ऑटो पायलट मोड हैं, कुछ रोटर के खराब होने की स्थिति में भी लगातार उड़ने की क्षमता को बरकरार रखते हैं। फिलहाल जमीन पर इसका ट्रायल हो चुका है, हम अगले तीन महीने में इसका समुद्री परीक्षण करेंगे।
फिलहाल चल रहे परीक्षण में यह सामान को एक जहाज से दूसरे जहाज तक पहुंचाने में खरा उतरा है। इसका उपयोग मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए भी किया जा सकता है। सागर डिफेंस को यह प्रोजेक्ट नौसेना की तरफ से मिला था। कंपनी से कहा गया था कि इस प्रोजेक्ट लगभग डेढ़ साल में पूरा करना है।
जल्द ही होगा समुद्री परीक्षण,
वरुण ड्रोन का भूमि आधारित परीक्षण अभी चल रहा है जो नौसेना की कई जरूरतों को पूरा करेगा। वर्तमान में यदि नौसेना को समुद्र में एक जहाज से दूसरी जहाज पर माल ट्रांसफर करना होता है तो दोनों जहाजों को एक दूसरे के करीब लाया जाता है और फिर माल की ढुलाई की जाती है। वरुण की मदद से यह कार्य आसानी से हो जाएगा।