केंद्र शासित मुस्लिम बहुल राज्य लक्षद्वीप के सभी विद्यालयों में शिक्षण सत्र २ ०२१-२२ से अब साप्ताहिक अवकाश रविवार को होगा जो पहले शुक्रवार को हुआ करता था। इसकी आधिकारिक जानकारी शिक्षा विभाग द्वारा जारी घोषणा में दी गई है। जारी नयी निर्देशिका के अनुसार सभी कक्षाएं सुबह साढ़े नौ बजे से साढ़े बारह बजे तथा अपराह्न डेढ़ बजे से साढ़े चार बजे तक होंगीं। शिक्षकों को सुबह ९ बजे विद्यालय पहुंचना होगा। वर्ग १ से ५ के बच्चों के बेहतर शारीरिक – मानसिक- सामाजिक विकास के लिए शिक्षा विभाग ने पढ़ाई को रोचक बनाने हेतु प्रसन्नता व रोचक विधि में लाने का आदेश दिया है। नित्यदिन पहला वर्ग प्रसन्नता का होगा। एन इ पी २०२० को ध्यान में रखते हुए आधुनिक पठन -पाठन पर बल दिया गया है जिसमें शारीरिक -स्वास्थ्य ,कला व कार्य को विद्यालयीन शिक्षा में सम्मिलित किया गया है।
स्थानीय सांसद मोहम्मद फैजल ने बताया कि लक्षद्वीप भारत का अंग है इसलिए इसको भारतीय प्रशासन पद्धति के प्रमाणकों के अनुरूप समायोजित किया गया है। आपने कहा कि साथ दशक पूर्व जब यहाँ विद्यालय शुरू किये गए थे तो शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश एवं शनिवार को आधे दिन पढाई होती थी। विद्यालयों का आरोप था कि बिना जिला परिषद् की सहमति के यह निर्णय उनपर थोपा गया था।
प्रशासन के अनुसार, “उपलब्ध संसाधनों के पूर्ण उपयोग और समय के कुशल उपयोग को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।” मई में लक्षद्वीप में भी इसी तरह के प्रशासनिक बदलाव किए गए थे। उस समय भी ऐसा ही विरोध हुआ था। तब भी इस तरह की राजनीति करने की कोशिश की गई थी। कांग्रेस समेत अन्य विरोधी इसका विरोध कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता मांग कर रहे हैं कि मुस्लिम समुदाय की भावनाओं का ध्यान रखा जाए। इससे पहले पंचायत चुनाव के दौरान दो संतान नियम, बीफ की अवैध बिक्री, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शराब की बिक्री जैसे मुद्दे भी उठाये गये थे.