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बजट २०२२ -२०२३ : कैपिटल एक्सपेंडिचर बढ़ाकर विकास को रफ्तार देनेवाला अर्थसंकल्प

जब विश्व की अधिकांश अर्थव्यवस्थाओं ने कोरोना के कारण देश में आयी आर्थिक मंदी से उबरने के लिए कॉरपोरेट टैक्स लगाकर या उसे बढ़ाकर नगदी बढ़ाने का काम किया है भारत की मोदी सरकार ने चलन में तरलता को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा पूँजीगत खर्चे बढ़ाकर आम जनता को टैक्स के अपरिहार्य वृद्धि के बोझ से बचाने का सराहनीय कार्य किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ग्रामोदय, किसानोदय के साथ शोध व प्रायोगिक कार्यों के लिए विशेष वित्तीय सहायता का प्रावधान कर युवाओं को भी आत्मनिर्भर भारत बनाने का खुला निमंत्रण दिया है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी, 2022 को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार, केंद्रीय बजट वह दस्तावेज होता है, जो उस विशेष वर्ष के लिए सरकार की अनुमानित प्राप्तियों और व्यय का विवरण देता है.

केंद्रीय बजट-2022 में इनकम टैक्स स्लैब में कोई फेरबदल नहीं हुआ।पूंजीगत व्यय में भारी बढ़ोतरी करके आर्थिक विकास की रफ्तार को तेज करने का प्रयास इस बजट में जरूर नजर आता है. कॉपोरेटिव (सहकारिता) टैक्स को घटाने के साथ उस पर लगने वाला सरचार्ज को कम किया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) एक नई डिजिटल करेंसी लेकर आएगा।
“यह बजट अमृत काल के अगले 25 सालों का ब्लू प्रिंट है। 60 लाख नई नौकरियों का सृजन होगा। अगले तीन साल में 400 नई जेनरेशन की वंदे भारत ट्रेनें लाई जाएंगी। अगले तीन सालों में 100 पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित होंगे। साथ ही ई-चिप लगे पासपोर्ट इसी साल आएंगे। पोस्ट ऑफिसों यानी डाकघरों को कोरबैंकिंग सिस्टम से लैस किया जाएगा। 5जी सेवा इसी साल आएगी और गांवों को ब्रॉडबैंड से जोड़ा जाएगा।

• कॉपोरेटिव टैक्स घटा। 18% से 15% हुआ।
• इस पर लगने वाला सरचार्ज भी कम किया गया। पहले 12% था, अब 7%।
• कॉपोरेटिव टैक्स की सीमा बढ़ाकर 10 करोड़ रुपए हुई।
• ITR में गड़बड़ सुधारने को दो साल का वक्त मिलेगा।
• पेंशन में भी टैक्स पर छूट
• क्रिप्टो करेंसी से होने वाली आय पर 30 फीसदी कर
• कैपिटल एक्सपेंडिचर बढ़ाकर विकास को रफ्तार

किसानों के लिए बड़े ऐलान::

बजट में वित्त मंत्री ने कहा कि किसानों को डिजिटल सेवा दी जाएगी, तिलहनों के उत्पादन को बढ़ावा देने का अभियान शुरू किया जाएगा। इसके अलावा देश भर में केमिकल फ्री नेचुरल फार्मिंग को बढ़ावा दिया जाएदगा। गंगा के किनारे 5 किलोमीटर के दायरे में इसके पहले चरण की शुरुआत की जाएगी। मौजूदा वित्त वर्ष में 2.37 लाख करोड़ रुपये के खाद्यान्न की एमएसपी के तहत किसानों से खरीद की गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि साल 2023 को हमने मोटा अनाज वर्ष घोषित करने का फैसला लिया है। देश के किसानों को यह राशि डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के तौर पर किसानों के खातों में सीधे जमा हो जाएगी.

रक्षा क्षेत्र के प्रावधान :

रक्षा अनुसंधान एवं विकास बजट के 25% रक्षा आरएंडडी के साथ उद्योग, स्टार्टअप और शिक्षा के लिए खोला जाएगा। निजी उद्योग को एसपीवी मॉडल के माध्यम से डीआरडीओ और अन्य संगठनों के सहयोग से सैन्य प्लेटफार्मों और उपकरणों के डिजाइन और विकास के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। रक्षा में पूंजीगत खरीद बजट का 68% घरेलू उद्योग के लिए 2022-23 में निर्धारित किया जाएगा (यह पिछले वित्त वर्ष के 58% से ऊपर है)।

खुलेगी डिजिटल यूनिवर्सिटी:

कोरोना महामारी के मद्देनजर बजट में डिजिटल शिक्षा व ऑनलाइन लर्निंग पर खासा जोर दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में पढ़ाई का काफी नुकसान हुआ है इसलिए ई-कंटेंट और ई-लर्निंग को प्रोत्साहन दिया जाएगा। देश में डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना होगी।

अगले 25 साल का ब्लूप्रिंट:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। इस बार के बजट में अगले 25 वर्ष के लिए ब्लूप्रिंट पेश किया जा रहा है। देश में आर्थिक रिकवरी को मजबूत करने पर फोकस है.

निजीकरण को और बढ़ाया जाएगा:
पूंजीगत व्यय बढ़ाने से देश की आर्थिक रिकवरी को बढ़ाया जाएगा। इससे पहले इसी साल सरकार ने एयर इंडिया का विनिवेश पूरा किया है।

तथा उद्यम, ई-श्रम , एनसीएस और असीम पोर्टल्स को लिंक किया जाएगा। इससे एमएसएमई का दायरा बढ़ जाएगा

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