Lokmanya Tilak
- Special Day
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News
वंदनीय राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज यांच्या साहित्यातील सांस्कृतिक राष्ट्रदर्शन..
संस्कृती हा राष्ट्रीयत्वाचा भक्कम आधार असतो. परकीय सत्ता ही गुलाम देशाच्या संस्कृतीवर आघात करीत असते.जेणेकरुन त्या समाजाला आपल्या संस्कृतीचा विसर…
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Opinion
“स्वामी विवेकानंद” यांच्या जीवनकार्यावर प्रकाश टाकणारा लोकमान्य टिळकांचा “केसरीमधील लेख”
श्रीस्वामी विवेकानंद हे समाधिस्थ झाले! (८ जुलै १९०२) श्रीमत् स्वामी विवेकानंद (swami vivekananda) हे कलकत्त्यास गेल्या शुक्रवारी आपल्या बेलूर मठांत…
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Special Day
राजनीति को जनता तक ले गए तिलक
राजनीति की सफलता के लिए वे शिक्षा को आवश्यक मानते थे। सरदार विट्ठलभाई पटेल के शब्दों में, “लोकमान्य तिलक का…
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Opinion
शरीर टूटा पर तिलक की हिम्मत नहीं टूटी
सर वैलेण्टाइन शिरोल द्वारा तिलक को ‘भारतीय अशान्ति के जनक’ की उपाधि देना उस महान् भूमिका का प्रमाण है जो…
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Opinion
तिलक के लिए न्याय पाने के सभी रास्ते बंदकर दिए गए
तिलक का वकील बाद में इंग्लैंड का प्रधानमंत्री बना प्रिवी काउंसिल में न्याय की अपील की गई।श्री एसक्विथ ने( जो…
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Opinion
राजद्रोह के मुकदमे में तिलक को फंसाने का षड्यंत्र
बम्बई के गवर्नर ने भारत मन्त्री को लिखा था, तिलक मुख्य षड्यन्त्रकारियों में से है या सबसे मुख्य षड्यन्त्रकारी हैं।…
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Culture
World Book Day: Srimad Bhagavad Gita and Bharat’s Independent Movement
The major interpretations of Bhagavad Gita, which shook the nation during the freedom struggle, are Srimad Bhagavad Gita Rahasya by…
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Opinion
गोंद्या आला रे!
१८९६-९७ चा काळ. हाँग-काँगसारख्या शहरातून एक रोग झपाट्याने भारतात फैलावत होता. उंदरांच्या मार्फत पसरणाराहा ‘प्लेग’ नामक रोग झपाट्याने आपले हातपाय…
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